अल्बर्ट आइंस्टीन >>>> जब भी मैं भगवद्गीता पढ़ता हूं तो पता चलता है कि भगवान ने किस प्रकार संसार की रचना की है। इसके सामने सब कुछ फीका लगता है। महात्मा गांधी >>>> जब भी मैं भ्रम की स्थिति में रहता हूं, जब भी मुझे निराशा का अनुभव होता है और मुझे लगता है कि कहीं से भी कोई उम्मीद नहीं है तब मं भगवद्गीता की शरण में चला जाता हूं। ऐसा करते ही मैं अथाह दु:खों के बीच भी मुस्कराने लग जाया करता हूं। वे लोग जो गीता का अध्ययन और मनन करते हैं उन्हंे हमेशा शुद्ध विचार और खुशियां मिला करती हैं और प्रत्येक दिन वे गीता के नए अर्थ को प्राप्त करते हैं। हर्मन हीज >>>> भगवद्गीता का सबसे बड़ा आश्चर्य जीवन की बुद्धिमानी के बारे में रहस्योद्घाटन करना है जिसकी मदद से मनोविज्ञान धर्म के रूप में फलता फू लता है। आदि शंकर >>>> भगवद्गीता के स्पष्ट ज्ञान को प्राप्त करने के बाद मानव अस्तित्व के सारे उद्देश्यों की पूर्ति हो जाती है। यह सारे वैदिक ग्रंथों का सार तत्व है। रुडोल्फ स्टेनर >>>> भगवद्गीता को पूरी तरह समझने के लिए अपनी आत्मा क...
Nothing is Impossible.......!!!!!